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भारत से बाहर पहले योग विश्वविद्यालय का अमेरिका में उद्घाटन हुआ

न्यूयॉर्क. भारत से बाहर पहले योग विश्वविद्यालय की लॉस एंजिलिस में हो स्थापना की गई है. विदेश राज्य मंत्री वी. मुरलीधरन और विदेश मामलों की स्थायी समिति के अध्यक्ष पीपी. चौधरी ने न्यूयॉर्क में भारतीय महावाणिज्य दूतावास के ऑनलाइन आयोजित एक कार्यक्रम में ‘विवेकानंद योग विश्वविद्यालय’ का मंगलवार को उद्घाटन किया. स्वामी विवेकानंद योग फाउंडेशन के कुलाधिपति एवं प्रख्यात योग गुरु डॉ. एच. आर. नागेन्द्र इसके पहले अध्यक्ष होंगे.

मुरलीधरन ने इस मौके पर कहा कि स्वामी विवेकानंद ने अमेरिका से भाईचारे का संदेश दिया था और भारत के बाहर पहले योग विश्वविद्यालय के जरिए योग का संदेश भी अमेरिका से दुनिया में प्रसारित किया जाएगा. उन्होंने कहा कि भारत की संस्कृति और विरासत के प्रतीक के रूप में योग विश्व में एकता और भाईचारे का माध्यम बन गया है. योग के जरिए हम वैश्विक शांति का संदेश दे सकते हैं. मुरलीधरन ने कहा कि योग मानसिक संतुलन और भावनात्मक स्थिरता प्रदान करता है.

महावाणिज्य दूतावास, ‘जयपुर फुट यूएसए’ के अध्यक्ष और विवेकानंद योग विश्वविद्यालय के संस्थापक निदेशक प्रेम भंडारी ने मिलकर इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के योग सलाहकार के रूप में जाने जाने वाले नागेन्द्र ने कहा कि स्वामी विवेकानंद ने 1893 में शिकागो में अपने प्रसिद्ध भाषण के माध्यम से दुनिया को भारतीय योग की “भव्यता” का परिचय दिया था.

उन्होंने कहा कि आधुनिक युग की चुनौतियों का सामना करने के लिए उनके द्वारा दी गई शिक्षाओं और समाधानों से प्रेरित होकर, हमने योग को एक शैक्षणिक आयाम देने की प्रक्रिया शुरू की है. न्यूयॉर्क में भारत के महावाणिज्य दूत संदीप चक्रवर्ती ने कहा कि कई वर्षों पहले स्वामी विवेकानंद ने शहर में समय बिताया था और योग पर कई किताबें लिखी थीं, जिसने इस भारतीय पद्धति को पूरी दुनिया में लोकप्रिय बनाया, इसलिए न्यूयॉर्क का योग के साथ गहरा संबंध है.

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