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बीएचयू के छात्रों ने मुंगेर विश्वविद्यालय का बनाया लोगो और मोनोग्राम, राज्यपाल ने लगाई मुहर

वाराणसी. बीएचयू दृश्य कला संकाय के दो छात्रों ने मुंगेर विश्वविद्यालय (बिहार) के जिस लोगो और मोनोग्राम को बनाया था, उसे विश्वविद्यालय स्तर से मंजूरी दी गई है। इसी लोगो और मोनोग्राम का प्रयोग मुंगेर विश्वविद्यालय में होगा। छात्रों को मुंगेर विश्वविद्यालय की ओर से 50-50 हजार रुपये की इनामी राशि भी दी जाएगी।

मुंगेर विश्वविद्यालय की ओर से लोगो, फ्लैग और मोनोग्राम बनाने के लिए अखिल भारतीय डिजाइन प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इसमें देश के विभिन्न विश्वविद्यालयों के प्रतिभागियों ने भाग लेकर लोगो, सील, फ्लैग और मोनोग्राम बनाया था। निर्णायक मंडल की ओर से बीएचयू के दृश्य कला संकाय के शोध छात्र प्रदीप विश्वकर्मा और छात्र राहुल शाव द्वारा बनाए लोगो, मोनोग्राम, सील, फ्लैग को सर्वश्रेष्ठ माना गया।

इसके बाद मुंगेर विश्वविद्यालय की एकेडमिक काउंसिल, सिंडिकेट और सीनेट ने भी अनुमोदन किया। इसके बाद अब बिहार के राज्यपाल ने भी इसके प्रयोग करने की मंजूरी दे दी है।

दृश्य कला संकाय के प्रमुख प्रोफेसर हीरालाल प्रजापति ने बताया कि दोनों छात्रों द्वारा बनाए गए लोगो फ्लैग और मोनोग्राम को मुंगेर विश्वविद्यालय अपने प्रतीक चिह्न के रूप में इस्तेमाल करेगा। साथ ही दोनों छात्रों को 50-50 हजार की पुरस्कार राशि से सम्मानित किया जाएगा। उन्होंने दोनों छात्रों को बधाई देते हुए इसे संस्थान की बड़ी उपलब्धि बताया। बीएचयू दृश्य कला संकाय में डिजाइन इनोवेशन सेंटर के कॉर्डिनेटर डॉ मनीष अरोरा ने भी खुशी जाहिर की है।

मुंगेर विश्वविद्यालय के लोगो में ज्ञान और सृजन के विस्तार को बोधिवृक्ष के रूप में दिखाया गया है। जड़ को लेखनी के नीब के रूप में बनाकर शिक्षा के महत्व को दर्शाया है। इसके साथ ही मुख्य डिजाइन जिसमें अंग्रेजी अक्षर ‘एम’ और ‘यू’ को बनाया गया है, जिसे ज्ञान का प्रतीक ‘मोर’ परिलक्षित होता है।

प्रो हीरालाल प्रजापति ने बताया कि राहुल कुमार शाव के सील/मोनोग्राम गोलाकार है और योग और ज्ञान को दर्शाता रामरज (पीला) तथा टेराकोटा रेड (मिट्टी के बर्तन का लाल) में गंगा नदी, कमल आदि को प्रतिरुपित करता है।

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